श्रीलंकाई नौसेना ने 3 भारतीय मछुआरे नाव पकड़े




श्रीलंकाई नौसेना ने 3 भारतीय मछुआरे नाव पकड़े 

श्रीलंकाई नौसेना ने मंगलवार को तमिलनाडु के तीन मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया, जो कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) का उल्लंघन कर श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे। गिरफ्तार किए गए मछुआरों की पहचान पुदुकोट्टई जिले के मणिकम (45), मुरुगन (38) और अरुण (32) के रूप में हुई है। इस घटना ने तमिलनाडु में आक्रोश और विरोध की लहर पैदा कर दी है।

घटना का विवरण

तमिलनाडु के मछुआरे अक्सर भारतीय और श्रीलंकाई जलक्षेत्र के बीच मछली पकड़ने जाते हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के उल्लंघन के आरोप में उन्हें अक्सर गिरफ्तार किया जाता है। मछुआरे मछली पकड़ने के लिए समुद्र में गए थे, जब श्रीलंकाई नौसेना ने उन्हें अपने जलक्षेत्र में घुसने का आरोप लगाते हुए हिरासत में लिया।

श्रीलंकाई नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि मछुआरों के पास से मछली पकड़ने के उपकरण और नावें जब्त कर ली गई हैं। उन्हें जाफना के कांकसांथुराई नौसेना बेस पर ले जाया गया है, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।

परिवारों की प्रतिक्रिया

गिरफ्तार मछुआरों के परिवारों ने इस घटना पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त की है। मणिकम की पत्नी, लक्ष्मी, ने रोते हुए बताया कि उनके पति मछली पकड़कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। "हमारे पास जीविका के लिए और कोई साधन नहीं है। सरकार को हमें न्याय दिलाना चाहिए," उन्होंने कहा।

तमिलनाडु सरकार की प्रतिक्रिया

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारे मछुआरे केवल अपने परिवारों का पेट पालने के लिए मछली पकड़ते हैं। उन्हें इस तरह से गिरफ्तार करना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।"

मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर इस मामले में श्रीलंका सरकार के समक्ष तत्काल मुद्दा उठाने की मांग की है। श्रीलंकाई नौसेना ने 3 भारतीय मछुआरे नाव पकड़े  उन्होंने मछुआरों की रिहाई और उनके सुरक्षित वापसी की भी मांग की है।



विरोध प्रदर्शन

इस घटना के बाद तमिलनाडु के विभिन्न तटीय इलाकों में मछुआरा समुदाय ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। रामेश्वरम, नागपट्टिनम और पुदुकोट्टई जिलों में मछुआरों ने समुद्र में जाने से इनकार कर दिया और सरकार से अपने साथी मछुआरों की रिहाई के लिए कदम उठाने की मांग की।

रामेश्वरम में मछुआरों ने समुद्र तट पर एक रैली निकाली और केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। "हम अपने साथी मछुआरों की रिहाई तक संघर्ष जारी रखेंगे," एक मछुआरा नेता ने कहा।

केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए श्रीलंकाई अधिकारियों से संपर्क किया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय उच्चायोग कोलंबो में इस मुद्दे को श्रीलंकाई सरकार के समक्ष उठाएगा और मछुआरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे मछुआरों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। हम इस मामले पर श्रीलंका के साथ बातचीत कर रहे हैं।"

समुद्री सुरक्षा और समाधान

इस तरह की घटनाएं भारतीय और श्रीलंकाई मछुआरों के बीच अक्सर तनाव का कारण बनती हैं। दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और मछली पकड़ने के अधिकारों को लेकर स्पष्ट समझौता न होने के कारण ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। श्रीलंकाई नौसेना ने 3 भारतीय मछुआरे नाव पकड़े  विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों को इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने के लिए बातचीत करनी चाहिए और मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

निष्कर्ष

श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तीन भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के मुद्दे को उजागर किया है। तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन जारी हैं और मछुआरों के परिवार न्याय की गुहार लगा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार इस मुद्दे पर सक्रिय हो गई हैं और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इन मछुआरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि मछुआरों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा कैसे की जाए और ऐसे विवादों का स्थायी समाधान कैसे निकाला जाए।

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