दिल्ली में पानी का संकट: दिल्लीवासी संघर्ष कर रहे हैं पेयजल की कमी से

 


नई दिल्ली: दिल्ली में पानी का संकट दिन-प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है। राजधानी के कई इलाकों में पानी की भारी कमी के चलते लोग बेहद परेशान हैं। इस संकट ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है।

पानी की कमी की वजह

दिल्ली में पानी की कमी का प्रमुख कारण यमुना नदी का जल स्तर कम होना और पानी की मांग में बढ़ोतरी है। यमुना नदी, जो दिल्ली की प्रमुख जल आपूर्ति का स्रोत है, इस समय सूखने के कगार पर है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और मानसून की अनियमितता भी इस संकट का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा, दिल्ली की तेजी से बढ़ती आबादी और जल संसाधनों का अति उपयोग भी इस समस्या को और बढ़ा रहा है।



आम जनता की परेशानियाँ

दिल्ली के कई इलाकों में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। दक्षिणी दिल्ली की निवासी रीना शर्मा कहती हैं, "पिछले एक हफ्ते से हमारे इलाके में पानी की सप्लाई नहीं हुई है। हमें दूर-दूर से पानी लाना पड़ रहा है।" इसी तरह, पूर्वी दिल्ली के निवासी मोहम्मद अली बताते हैं कि उन्हें सुबह-सुबह उठकर लंबी लाइनों में लगकर पानी भरना पड़ता है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस संकट ने दिल्ली की राजनीति में भी भूचाल ला दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि वह इस समस्या का समाधान करने में विफल रही है। भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा, "दिल्ली सरकार पानी की समस्या को हल करने में पूरी तरह से नाकाम रही है। यह बेहद शर्मनाक है कि राजधानी के लोग इस भीषण गर्मी में पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।"

वहीं, दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की उदासीनता और यमुना नदी में पानी की आपूर्ति में कमी के कारण यह संकट पैदा हुआ है। उन्होंने कहा, "हम अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जब तक केंद्र से सहयोग नहीं मिलेगा, इस समस्या का समाधान संभव नहीं है।"

जल बोर्ड की कार्रवाई

दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने इस समस्या के समाधान के लिए कई कदम उठाए हैं। जल बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि शहर में पानी की आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए नई पाइपलाइनों का निर्माण किया जा रहा है और पुराने पाइपलाइनों की मरम्मत की जा रही है। इसके अलावा, जल बोर्ड ने टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं।

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जनता की मांग

इस संकट से निपटने के लिए दिल्ली के लोग सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई संगठनों ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन किए और सरकार से स्थायी समाधान की मांग की। जल संकट से परेशान जनता ने यह भी कहा कि पानी के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने की जरूरत है।

विशेषज्ञों की राय

जल विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में पानी की समस्या का स्थायी समाधान तभी संभव है जब जल संसाधनों का सतत प्रबंधन किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को वर्षा जल संचयन (रेनवाटर हार्वेस्टिंग) को बढ़ावा देना चाहिए और जलाशयों की सफाई और संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

निष्कर्ष

दिल्ली में पानी का संकट एक गंभीर समस्या बन चुका है, जिसे हल करने के लिए सरकार और जनता को मिलकर काम करना होगा। यह समय की मांग है कि जल संसाधनों का सतत और विवेकपूर्ण उपयोग किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह के संकट से बचा जा सके।

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